ब्लॉग पर पधारने के लिए धन्यवाद। यदि आप कवि या लेखक हैं तो आईए हम आपको मंच प्रदान करते हैं आप “काव्याकाश” से जुड़‌कर अपनी कविताएं, लेख, व्यंग्य, कहानी आदि प्रकाशित कर सकते हैं। अथवा "अनुसरण करें" पर किल्क करके हमसे जुड़ सकते हैं। आज ही ईमेल करें- kavyakash1111@gmail.com

सोमवार, 22 अप्रैल 2013

सान्निध्य: मातृभूमि वंदना


सान्निध्य: मातृभूमि वंदना: जननी जन्‍मभूमि भारत माँ, तू है कृपानिधान। शत-शत बार प्रणाम करूँ, रखूँ सदा यह ध्‍यान।। प्रातस्‍स्‍मरणीय मात-पिता-गुरु-जन्‍मभूमि पर मान। ...

सान्निध्य: कैसा ज़ुनून है यह


सान्निध्य: कैसा ज़ुनून है यह: Bangluru Blast  कभी आतंकियों से और कभी दुष्‍कर्मियों से। हैराँ है, पशेमाँ है वतन, इनकी बेशर्मियों से।। कैसा ज़ुनून है यह, कैसी हवा च...

सान्निध्य: ऐसा क्‍यों नहीं हो सकता


सान्निध्य: ऐसा क्‍यों नहीं हो सकता: ऐसा क्‍यों नहीं हो सकता हम सोचें और अपनायें। अभिलाषाओं के खंडहर पर अभिनव महल बनायें।। जन जाग्रति के लिए करें हम एक ...