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बुधवार, 25 जनवरी 2012

सान्निध्य: कुछ इस तरह मनायें छब्‍बीस जनवरी इस बार

सान्निध्य: कुछ इस तरह मनायें छब्‍बीस जनवरी इस बार: Friends18.com Republic Day Scraps सुधाकर अमृतवर्षा दि‍वाकर रश्मि ‍मणि‍ बि‍खेरे इस बार। स्वाति‍ गि‍रे धरा कुमकुम का शृंगार करे इस बार। क...

मंगलवार, 3 जनवरी 2012

"ब्रेल"

विश्व ब्रेल दिवस ४ जन. के अवसर पर ब्रेल पर एक कविता प्रस्तुत है.

दृष्टि हीन साथियों के लिए एक बेहतरीन यादगार होगी ये कविता, ऐसी मेरी आशा भी है और विश्वास भी.

"ब्रेल"

आँखो वाले क्या जाने,

पढ़कर क्या सुख हम पाते हैं

शब्दों को हम छूते हैं अक्सर

और शब्द हमें छू जाते है.


उभरे शब्दों को छूकर

महसूस हम कर जाते हैं

एक दूजे का अकेलापन

दूर सदा हम कर जाते हैं.


कुछ ब्रेल से हम हैं कहते,

कुछ ब्रेल हमें कह जाती है

दोनों के कहने सुनने से

नित नई कहानी बन जाती है.


सोमवार, 2 जनवरी 2012

सान्निध्य: गुलदस्ता तारीखों का ले कर आया दो हजार बारह

सान्निध्य: गुलदस्ता तारीखों का ले कर आया दो हजार बारह: ढेर उमंगों को ले कर आया दो हजार बारह। कड़वी-मीठी यादों संग वि‍दा दो हजार ग्यारह। छेड़ी मुहि‍म है सब ने खुशहाल हो जन जन जन भ्रष्टाचार से मु...