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सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

सान्निध्य: प्रकाश पर्व

सान्निध्य: प्रकाश पर्व: धरती पर उतर आया जैसे सि‍तारों का कारवाँ आकाश में जाते पटाखों से टूटते तारों का उल्कापात सा आभास फूटता अमि‍त प्रकाश टि‍मटि‍माते दीपों से लगत...

शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

नवगीत की पाठशाला: २५. उत्सव गीत

नवगीत की पाठशाला: २५. उत्सव गीत: कल था मौसम बौछारों का आज तीज और त्योहारों का रंग रोगन वंदनवारों का घर घर जा कर बंजारा नि‍त इक नवगीत सुनाए। कल बि‍जुरी ने पावस गीत दीप...

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

सान्‍नि‍ध्‍य सेतु: शब्‍द दो तुम मैं लि‍खूँगा

सान्‍नि‍ध्‍य सेतु: शब्‍द दो तुम मैं लि‍खूँगा: आज आक्रोश दि‍न पर दि‍न बढ़ रहा है। बात काश्‍मीर की हो या भ्रष्‍टाचार की,जन समस्‍याओं की हो या महँगाई की,राजनीति‍ की हो या साहि‍त्‍य की,आम आद...

सान्निध्य: वि‍श्‍व दृष्‍टि‍ दि‍वस

सान्निध्य: वि‍श्‍व दृष्‍टि‍ दि‍वस: बचें दृष्टि से दृष्टि‍‍दोष संकट फैला है चहुँ दि‍श। नि‍कट, दूर या सूक्ष्म दृष्टि‍ सिंहावलोकन हो चहुँ दिश।। दृष्टि‍ लगे या दृष्टि पड़े जब डि‍...