ब्लॉग पर पधारने के लिए धन्यवाद। यदि आप कवि या लेखक हैं तो आईए हम आपको मंच प्रदान करते हैं आप “काव्याकाश” से जुड़‌कर अपनी कविताएं, लेख, व्यंग्य, कहानी आदि प्रकाशित कर सकते हैं। अथवा "अनुसरण करें" पर किल्क करके हमसे जुड़ सकते हैं। आज ही ईमेल करें- kavyakash1111@gmail.com

सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

सान्निध्य: प्रकाश पर्व

सान्निध्य: प्रकाश पर्व: धरती पर उतर आया जैसे सि‍तारों का कारवाँ आकाश में जाते पटाखों से टूटते तारों का उल्कापात सा आभास फूटता अमि‍त प्रकाश टि‍मटि‍माते दीपों से लगत...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें