एक दिन दफ्तर में
मेरी एक मात्र
पत्नी का
बिना सूचना के
आगमन हुआ
उसके चेहरे पर
गुस्सा देख
मुझे
तूफान के पहले की
आंधी का आभास हुआ
अचानक
उसका हाव-भाव बदल
गया
गुस्से से लाल
चेहरा
फूल सा खिल गया
उसका
पाकिस्तान की तरह
इतनी जल्दी बदलाव
मेरी समझ में
नहीं आया
जब मैंने इसका
कारण पूछा
तो
मुस्कुराकर बोली
हे मेरे प्राणनाथ
मैं आपको कितना
गलत समझती थी
आपकी टेबिल पर
सुन्दर फ्रेम में
जड़ी हुई अपनी फोटो देखकर
मुझे आज पता चला
आप यूँ ही आहें
नहीं भरते हैं
मुझसे कितना
प्यार करते हैं
पति बोला
यह तुम्हारा भ्रम
है
टेबिल पर
तुम्हारी
फोटो लगाने का तो
दूसरा ही कारण है
तुम तो जानती हो
कि
मैं जनसम्पर्क
अधिकारी हूँ
प्रतिदिन
अच्छे और बुरे
लोगों से
मेरा पाला पड़ता
है
किसी-किसी दिन तो
लड़ना भी पड़ता है
तब किसी काम में
नहीं लगता है मन
इसलिए हो जाती है
टेंशन
तुम्हारी
फोटो पास रहेगी
तो
यह आभास होगा
क्या
तुमसे भी बड़ा कोई
टेंशन होगा
इस तरह
टेंशन की समस्या
सुलझ जायेगी
और
मेरी नौकरी आराम
से कट जायेगी।
well said,
जवाब देंहटाएंPoetry : Hindi Kavita, English Poems, Urdu Shayari & Punjabi Poetry
टिप्पणी के लिए धन्यवाद्।
जवाब देंहटाएंउम्दा भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@मतदान कीजिए