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गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

मुक्तक

(१)
जो शहीद हो गये वतन पर वो कुछ ही अवतार हुये।
उनमें राजगुरू ऊधम और भगतसिंह सरदार हुये॥
निशदिन याद करें हम उनको नित उठ उनको करें नमन॥
जिनके कारण आजादी के स्वप्न सभी साकार हुये॥

(२)
वीर शहीदों की कुर्बानी भूले सुख पाने वाले।
अब तो केवल मौज ले रहे सत्ता में आने वाले॥
भ्रष्टाचार और घोटाले भारत की पहिचान बने,
देश बेच कर खा जायेंगे दुष्ट भ्रष्ट खाने वाले॥

(३)
धर्म कर्म और संस्कार अब नजर न आते।
भोग विलासी लोग हुये सब मजे उडा‌ते॥
मिट्टी में मिल गईं मान मर्यादायें अब,
पैसे प्यार में 'गाफिल' जीवन भर भरमाते॥

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