काव्याकाश
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रविवार, 4 सितंबर 2011
गणेशाष्टक
धरा सदृश माता है माँ की परिक्रमा कर आये।
एकदन्त गणपित गणनायक प्रथम पूज्य कहलाये।।1।।
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