काव्याकाश
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मंगलवार, 6 सितंबर 2011
नवगीत की पाठशाला: २५. यह शहर
नवगीत की पाठशाला: २५. यह शहर
: तिनका तिनका जोड़ रहा इंसाँ यहाँ शाम-सहर आतंकी साये में पीता हालाहल यह शहर अनजानी सुख की चाहत संवेदनहीन ज़मीर इन्द्रहधनुषी अभिलाषाय...
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