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शनिवार, 11 जुलाई 2015

सान्निध्य: मेरे घर आँगन में गौरैया नित आओ

सान्निध्य: मेरे घर आँगन में गौरैया नित आओ: मेरे घर आँगन में, गौरैया नित आओ।। ढेर परिंडे बाँधे, कई नीड़ बनवाये। विकसित किया सरोवर, कई पेड़ लगवाये। खुशबू से महके घर, मेरा नंदन कान...

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