काव्याकाश
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शनिवार, 11 जुलाई 2015
सान्निध्य: राम से नेह लगाया कर
सान्निध्य: राम से नेह लगाया कर
: राम नाम संकीर्तन कर तू, तर जाएगा प्राणी। राम से नेह लगाया कर तू , तर जाएगा प्राणी।। भवसागर से भरा हलाहल, क्या बिसात है तेरी। बिना पि...
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