काव्याकाश
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बुधवार, 14 मार्च 2012
सान्निध्य: शैफ़ाली
सान्निध्य: शैफ़ाली
: नाम है शैफाली जाने हयात का घर में है दरख्त है पारिजात का। फ़स्ले बहाराँ में वो रूठे रहे और मौसिम में सदा हँसते रहे दरख्त भी रूठा रहा इस...
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