इसकी हो सरकार, फर्क नहीं पड़ता है।
या उसकी सरकार, फर्क नहीं पड़ता है।।
बिना दाम के काम नहीं कुछ भी होता,
पहले दे जा यार, फर्क नहीं पड़ता है।।
अधिकारी आये या मंत्री डर कैसा,
सब पैसे के यार, फर्क नहीं पड़ता है।।
सुनता नहीं दीन की कोई दुनिया में,
चाहे मर या मार, फर्क नहीं पड़ता है।।
सभी भ्रष्ट हैं भ्रष्टाचार की जै बोलो,
सच की मिट्टी ख्वार, फर्क नहीं पड़ता है।।
लेने वाले मौज ले रहे तू भी ले,
मत कर सोच विचार, फर्क नहीं पड़ता है।।
झूँठों की दुनिया में शामिल हो “गाफिल” ,
वरना मर जा यार, फर्क नहीं पड़ता है।।
nice
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