होली है बृज धाम की, दुनिया में मशहूर।
गली गली रंग रास हैं, रंग रसिया रंग हूर।।
बरसाने में रंग हैं, गोकुल में है रंग।
वृंदावन नंदगांव में, छिड़ी रंग की जंग।।
बृज में राधा श्याम के, रंगों की बरसात।
जमुना जल के रंग में, जीवन कौ रंग साथ।।
सभी सखी हैं राधिका, सभी सखा घनश्याम।
होली के रंग में रंग्यौ, पूरौ ही बृजधाम।।
श्याम रंग में तन रंग्यौ, मन राधा के रंग।
पंड़ा पी-पी मस्त हैं, भोले जी की भंग।।
पूरे ही बृजधाम में, रंग बरसे दिनरात।
“गाफिल” बृज के रंग की, रंग रंगीली बात।।
बृज -रज के रंग जो रंगे, बड़भागी वो लोग।
बृज-दर्शन के रंग सौं, मिट जायें सब रोग।।
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