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गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

मौसम लाया रंग बसंती

मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।
तन-मन हुआ बसंती बसका, अरू परिधान बसंती है।।
फूली-फली खेत में सरसों,
मंहकी गंध बसंती पवन में।
चिड़ियां उड़-उड़ लगी चहकने,
कोयलिया कूके बागन में।।
खेतों का रंग देख बसंती, हुआ किसान बसंती है।
मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।।
ओढ़ चुनरिया चली बसंती,
गोरी की हुई चाल बसंती।
आओगे कब पिया गांव को,
फोन से पूछे हाल बसंती।।
सुन गोरी के बैन बसंती, फौज-जवान बसंती है।
मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।।
प्यार का रंग बसंती ऐसा,
है सबकी मुस्कान बसंती।
आन बसंती शान बसंती,
और हुआ ईमान बसंती।।
रंगा बसंती रंग में जीवन, हर पहिचान बसंती है।
मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।।
ध्यान बसंती, ज्ञान बसंती,
मान और अरमान बसंती।
पाया जब सम्मान बसंती,
हिय जागा अभिमान बसंती।।
राम-कृष्ण, गौतम, नानक का, देश महान बसंती है।
मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।।
यू0 पी0, एम0 पी0, आंध्र, हिमाचल,
दिल्ली, राजस्थान बसंती।
गांव बसंती, शहर बसंती,
धरा और आसमान बसंती।।
केरल से कश्मीर तलक, ये हिन्दुस्तान बसंती है।
मौसम लाया रंग बसंती, हर इंसान बसंती है।।

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